हाथ हिलाते हुए विदा हुआ था ! हाथ हिलाते हुए विदा हुआ था !
सहेजकर दिल में अक्षर-अक्षर सहेजकर दिल में अक्षर-अक्षर
क्या तुम्हेंं पता है ? रोज-रोज चीं -चीं कर शोर मचाने वाला चिड़ा आज इतना खामोश क्यों क्या तुम्हेंं पता है ? रोज-रोज चीं -चीं कर शोर मचाने वाला चिड़ा आज इतना...
सजीव करके मुझे एक चिंगारी से तुम, सोचते हो कि काश! ये मेरे साथ रहे, जब तसव्वुर करते ह सजीव करके मुझे एक चिंगारी से तुम, सोचते हो कि काश! ये मेरे साथ रहे, जब तसव्वु...
मैं जब जब खुद से खफा होता हूँ मैं तब तब तुम से दूर चला जाता हूँ, मैं जब जब खुद से खफा होता हूँ मैं तब तब तुम से दूर चला जाता हूँ...
मन में कहीं कुछ चुभता सा है। मन में कहीं कुछ चुभता सा है।